जब से ऐ दर्द तुझसे *शनासाई बढ़ गई
चेहरे की मेरे तब से ही *रानाई बढ़ गई
आंसू बहुत ही खर्च हुये ख़ातिर-ए-वफ़ा
दुनिया में यारों कितनी मंहगाई बढ़ गई
लम्हें, महीने, घंटे, दिन, ये साल ओ' सदी
तन्हाईयों से आगे भी तन्हाई बढ़ गई
आने लगे हैं ख़्वाब में, अब रंग सौ नज़र
जब से बसे हो आँख में, बीनाई बढ़ गई
उड़ते रहे कपूर की तरह, ये सुख नदीश
पर्वत की तरह दर्द की, वो राई बढ़ गई
शनासाई- जान-पहचान, परिचय
रानाई- सौंदर्य, चमक
बीनाई- दृष्टि, विज़न
वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आपका
हटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन 👌
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया
हटाएंबेहद उम्दा....
जवाब देंहटाएंआपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है|
https://hindikavitamanch.blogspot.com/2019/11/I-Love-You.html
बहुत बहुत शुक्रिया
हटाएंबेहद उम्दा गज़ल ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया
हटाएंबहुत बहुत आभार आपका
जवाब देंहटाएंआंसू बहुत ही खर्च हुये ख़ातिर-ए-वफ़ा
जवाब देंहटाएंदुनिया में यारों कितनी मंहगाई बढ़ गई
बेहद उम्दा... लाजवाब ग़ज़ल.
बहुत बहुत आभार आपका
हटाएंThanks for sharing ! Happy Valentines Day Gifts India
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