कितना मुश्किल ये अपनी ज़िन्दगी से मिलना है
अजनबी को जो किसी अजनबी से मिलना है
ऐ उम्मीद तूने तो देखा ज़रूर होगा उसे
मुझको एक बार किसी भी खुशी से मिलना है
दोस्तों के शहर में तो नहीं मिली मुझको
अब कहाँ जाऊँ, मुझे दोस्ती से मिलना है
हो चुका तंग फरिश्तों से रोज मिलते हुए
सच तो ये है कि मुझे आदमी से मिलना है
अब अगर आओ तो उसको भी साथ ले आना
ऐ नदीश मुझको तेरी बेबसी से मिलना है
लोकेश नदीश
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (०९ -०६-२०२१) को 'लिप्सा जो अमरत्व की'(चर्चा अंक -४०९१ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
हो चुका तंग फरिश्तों से रोज मिलते हुए
जवाब देंहटाएंसच तो ये है कि मुझे आदमी से मिलना है
वाह !!
बहुत खूब ! अत्यंत सुन्दर सृजन ।
बेहद आभार आपका
हटाएंदोस्तों के शहर में तो नहीं मिली मुझको
जवाब देंहटाएंअब कहाँ जाऊँ, मुझे दोस्ती से मिलना है--बहुत खूब !
बेहद आभार आपका
हटाएंहो चुका तंग फरिश्तों से रोज मिलते हुए
जवाब देंहटाएंसच तो ये है कि मुझे आदमी से मिलना है
बहुत खूब, लोकेश भाई।
बेहद आभार आपका
हटाएंमर्मस्पर्शी रचना। बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंबेहद आभार आपका
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबेहद आभार आपका
हटाएंकितना मुश्किल ये अपनी ज़िन्दगी से मिलना है
जवाब देंहटाएंअजनबी को जो किसी अजनबी से मिलना है
वाह !! बहुत खूब,सादर नमन आपको
बेहद आभार आपका
हटाएंऐ उम्मीद तूने तो देखा ज़रूर होगा उसे
जवाब देंहटाएंमुझको एक बार किसी भी खुशी से मिलना है
वाह!!!!
लाजवाब सृजन।
बेहद आभार आपका
हटाएंबेहद आभार आपका
जवाब देंहटाएंहो चुका तंग फरिश्तों से रोज मिलते हुए
जवाब देंहटाएंसच तो ये है कि मुझे आदमी से मिलना है
अब अगर आओ तो उसको भी साथ ले आना
ऐ नदीश मुझको तेरी बेबसी से मिलना है
..... बहुत दिनों बाद, पुनः आपकी गजल की ताजगी ने, मुझे खींच लाया है आपके ब्लॉग तक।।।।
अनेकों शुभकामनाएँ आदरणीय नदीश जी।
बेहद आभार आपका
हटाएंवाह बेहतरीन 👌
जवाब देंहटाएंThanks for sharing ! However, you can Online Gifts Delivery in India | Send Gifts to India | Best Gifts Online Order
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सराहनीय।
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